व्यक्ति विशेष पर कविता

Hindi Poem
Dr. Ratan Lal

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हाफ शर्ट चप्पल में दोनों हाथ हिलाकर चलते हैं।
चाल-ढाल और कद काठी से फौजी जैसे लगते हैं।
वक्त के हैं पाबंद हमेशा सही समय आना जाना।
नौ या साढ़े पाँच बजें तब मुख्य द्वार मिलते हैं॥

अपनी धुन में मगन हमेशा बात बहुत कम करते हैं।
थ्यौरी के वैज्ञानिक हैं जो प्रैक्टीकल नहीं करते हैं।
डॉ रतनलाल जिनकी पहचान अलग सबसे न्यारी।
सुखी रहें भावी जीवन में यही कामना करते हैं॥