समय के दोहे

कविताए
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समय समय का फेर है समय समय की बात।
किसी समय का दिन बड़ा किसी समय की रात॥

समय समय का फेर है समय बड़ा बलवान।
भील ले गए गोपिका वही अर्जुन वही बाण॥

समय समय की बात है समय समय का खेल।
कभी कबूतर डाकिया आज बना ईमेल॥

समय समय की बात है समय समय का सार।
कविता थी कविता कभी आज चुटकुले चार॥

समय समय की बात है समय समय का राग।
कभी दिलों में प्यार था अब नफरत की आग॥

समय समय का फेर है समय समय का ढंग।
दुश्मन लड़ते थे कभी अपनों में अब जंग॥