फर्जी डिग्री पर कविता
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आरोपों और प्रत्यारोपों की वर्षा घनघोर।
फर्जी डिग्री घटाटोप बन छाई चारों ओर॥
छाई चारों ओर झूठ है या सच्चाई।
तथ्य सामने होंगे कैसे डिग्री पाई॥
भेद खुलेगा सच्चाई सम्मुख आएगी।
फर्जी डिग्री की खेती क्या रुक जाएगी?