देशभक्ति की कविता
Colonel Santosh Mahadik |
कविताएं सुनें : Watch my Poet Poetry
जब कर्नल संतोष ने दिया अमर बलिदान,
दहशतगर्दी के विरोध में आए नहीं बयान,
आये नहीं बयान राजनेता नहीं बोले,
बुद्धिजीवी औ कलाकार भी मुँह नहीं खोले,
सहिष्णु क्या एक ही वर्ग की करते निंदा?
या यह केवल राजनीति का गोरख धंधा??
उदाहरण है सामने सभी हो गए एक,
आतंकी के सामने खड़ा हो गया देश,
खड़ा हो गया देश हाथ से हाथ मिलाया,
राष्ट्रधर्म सबसे ऊपर रख उसे निभाया,
इसी तरह आतंकवाद से हमको लड़ना,
राजनीति के वक्त राजनीती भी करना॥