दीपावली पर कविता

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आप सभी और घरवालों को मंगल हो दिवाली।
कोई अमंगल पास न आये चहुँदिश हो खुशहाली॥
रिश्तों में सद्भाव हो टूटे अहंकार की डाली।
हँसते-हँसते दिन कट जाएँ रातें हों मतवाली॥

नीयत साफ हो अपनी तो श्रीराम करें रखवाली।
मन में है विश्वास तो फिर क्यों करें कमाई काली॥
गम के बादल छटें ख़ुशी की छाये घटा निराली।
लक्ष्मी सब पर कृपा करें कोई पेट रहे ना खाली॥