बेताबी पर कविता कविताएं सुनें : Watch my Poetryबिकने को हैं बेताव हम,कीमत लगाइए।ईमान, इज्जत, शर्म कीखिल्ली उड़ाइए।दौलत के आगे अब हमें,कुछ भी नहीं भाता।पैसे दिखाकर जैसे भीचाहो नचाइये॥