बेताबी पर कविता

हिंदी कविताऐं

कविताएं सुनें : Watch my Poetry



बिकने को हैं बेताव हम,
कीमत लगाइए।

ईमान, इज्जत, शर्म की
खिल्ली उड़ाइए।

दौलत के आगे अब हमें,
कुछ भी नहीं भाता।

पैसे दिखाकर जैसे भी
चाहो नचाइये॥