विदाई कविता
Dr. Amitava Sen Gupta |
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नाम बड़ा विज्ञान जगत में जिनका खास मुकाम,
सेवानिवृति कहने को इन्हें उठती नहीं जुबान,
लवों पर शब्द न आऐं विदाई कैसे गाऐं॥
सभी जानते इनके मन में भेदभाव नहीं पलता।
पीए ना रोकें तो इनसे हर कोई मिल सकता।
संयम और सहजता से सुनते हैं सबकी बात
और अपनत्व दिखाऐं तभी सब इनको चाहें॥
यही चाह थी नया निदेशक एनपीएल से आए।
देख लिए बाहर वाले कोई अपना इसे चलाए।
इच्छा पूरी हुई मिला जब आपको यह सम्मान
कहें कुछ ना कह पाऐं मगर मन में हर्षायें॥
थोड़े दिन को बना निदेशक हमें बनाया उल्लू।
ये तो वही कपिल वाला है बाबाजी का ठुल्लू।
पांच साल केजरीवाल तो इनको भी कुछ साल
मिलें तो कुछ कर पाऐं प्रगति पथ पर ले जायें॥
करें प्रभु से विनती इनका कार्यकाल बढ़ जाए।
कुशल नेतृत्व मिले एनपीएल आगे कदम बढ़ाए।
चाहे जिससे पूछो सबका होगा यही जबाब
कहो तो हाथ उठायें समर्थन मिले दिखाएं॥