सेवानिवृति पर कविता
क्या-क्या कहें शान में इनकी क्या-क्या आज सुनाऐं।
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
मंगल का वह दिन था जिस पल आप जहाँ में आए।
वर्धमान में पले-बढ़े वैज्ञानिक बन यहाँ आए।
जितना मान आपने पाया विरले ही वह पाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
कद-काठी हम जैसी पर मस्तिष्क आपका खास है।
सोच असाधारण है जिसकी नहीं सभी के पास है।
वैज्ञानिक के जितने भी गुण उसमें खूब समाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
दिल भी सच्चा पाया है जो भेदभाव ना जाने।
इंसानों की परख जिसे और काम को भी पहचाने।
छोटे-बड़े सभी को मिलकर चलना आप सिखाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
बार-बार कोई मिले आपसे या कोई पहली बार मिले।
हॅंसमुख चेहरा दिखे हमेशा लगता जैसे कॅंवल खिले।
नाम सार्थक करे सदा ऐसी सूरत दिखलायें॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
कितने पेपर हुए प्रकाशित और कई पेटेन्ट हुए।
तकनीकें विकसित कर अपना एनपीएल का नाम किए।
टेली-क्लॉक एक उनमें से मानक समय बताऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
कविताएं सुनें : Watch the Poetry
मान और सम्मान प्रतिष्ठित कमेटियों में चुने गए।
इलैक्ट्रोमैग्नैटिक कमीशन 'ए' के चेयरमैन बने।
एशिया महाद्वीप से जो इकलौता नाम बतलाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
यूँ ही खिलता रहे सदा ये चेहरा ना मुरझाए।
सेवानिवृत जीवन में कोई दुःख की घड़ी न आए।
मंगल हों आगे भी हम सब ऐसी आस लगाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
मंगल का वह दिन था जिस पल आप जहाँ में आए।
वर्धमान में पले-बढ़े वैज्ञानिक बन यहाँ आए।
जितना मान आपने पाया विरले ही वह पाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
कद-काठी हम जैसी पर मस्तिष्क आपका खास है।
सोच असाधारण है जिसकी नहीं सभी के पास है।
वैज्ञानिक के जितने भी गुण उसमें खूब समाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
दिल भी सच्चा पाया है जो भेदभाव ना जाने।
इंसानों की परख जिसे और काम को भी पहचाने।
छोटे-बड़े सभी को मिलकर चलना आप सिखाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
बार-बार कोई मिले आपसे या कोई पहली बार मिले।
हॅंसमुख चेहरा दिखे हमेशा लगता जैसे कॅंवल खिले।
नाम सार्थक करे सदा ऐसी सूरत दिखलायें॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
कितने पेपर हुए प्रकाशित और कई पेटेन्ट हुए।
तकनीकें विकसित कर अपना एनपीएल का नाम किए।
टेली-क्लॉक एक उनमें से मानक समय बताऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
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मान और सम्मान प्रतिष्ठित कमेटियों में चुने गए।
इलैक्ट्रोमैग्नैटिक कमीशन 'ए' के चेयरमैन बने।
एशिया महाद्वीप से जो इकलौता नाम बतलाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥
यूँ ही खिलता रहे सदा ये चेहरा ना मुरझाए।
सेवानिवृत जीवन में कोई दुःख की घड़ी न आए।
मंगल हों आगे भी हम सब ऐसी आस लगाऐं॥
लगता है ऐसे जैसे सूरज को दीप दिखाऐं॥